Posts

Showing posts from December, 2021

तेरी याद में एक नगमा

तेरी याद  आज इन तन्हा रातों में फिर याद आई हो तुम इन आंखों को फिर से भिगोई हो तुम पुरानी यादों को ताज़ा कर ना जाने कहा खो गई हो मुझे तुमने बहुत तड़पाया जब से दूर गई हो तुमसे मिलने को ये दिल बहुत बेकरार है ना जाने इस मोहब्बत का क्या राज है तुम्हारे बात करने का एक अलग ही अंदाज है कभी कभी लगता है जैसे अभय कोई अनजान है बात हो या न हो तुमसे फिर भी ख्यालों में समाई हो हर पल फिक्र रहती हैं तुम्हारी कही कोई परेशानी न तुम पर आई हो बंद आंखों में भी तुम्हारा चेहरा ही नज़र आता है आंखे खोली की नहीं बस न जाने कहा खो जाता हैं तेरे याद में ये दिल पल पल आहे भरता है पता नही क्यों आज भी ये तुझसे डरता है हर रात की तरह इस रात भी सपनो में आई हो और फिर एक बार इन आंखों को भिगाई हो सपनो में आ जाती हो तुम अपनो की तरह फिर न जाने कहा खो जाती हो मन की तरंगों की तरह बहुत याद आ रही हो तुम लाख कोशिश कर चुका हूं ना आसू रुकते हैं ना यादों में तुम