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Showing posts from November, 2021

ये बारिश और तुम

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ये बारिश और तुम  जब बादल की घनघोर घटा छाती है सच कहूं तो मेरी जान तू बहुत याद आती है जब बारिश की बूंदे छम छम करके बरसती है ओ मेरी जान तेरी कमी मुझे हर ओर दिखती है तू चली गई मुझे यू तन्हा छोड़ के अपने अभू से यू मुंह मोड़ के तेरे यू चले जाने से मुझे तकलीफ बहुत होती है सच कहता हु मेरी जान तेरे बिना सिर्फ ये राते ही सोती है जब भी बारिश होती है, तेरा सपर्श उन बूंदों में महसूस करता हु आंखे भरी होती है, और तेरे साथ बिताए हर लम्हे को याद करता हु क्या उन बारिश की बूंदों में तू भी मुझे महसूस करती है तेरे लिए कोई था पागल क्या तू भी ये सोचा करती है मैं दीवाना तेरे नाम सुनते ही पिघल जाता हूं कभी कभी आंखों में आंसु आ जाए तो रो भी जाता हूं तू आज भी याद है मुझे, क्या तेरे दिल में आज भी मैं जिंदा हूं  यही सोचता हु सच कहता हु मेरी जाना  जब बादल की घनघोर घटा छाती है मेरे ख्यालों में सिर्फ तू ही आती है

Sardiyo ki Kuch Yaade

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 सर्दियों की कुछ यादें उन सर्दियों की बाते याद आती है तो चेहरे पर एक मुस्कान छा जाती है   तेरा वो सुबह उठ कर कॉल करना और मुझे उठाना याद आता है उन हसीन पलों का तराना याद आता है   सुबह सुबह उठते ही मेरा ये कहना कितना समय होगया और तुम्हारा यूं हंस के कहना   अभी टाइम है जल्दी से रेडी हो जाओ बहुत याद आता है   पढ़ने के लिए एक दूसरे को डाटना याद आता है और मेरे ज़िद करने पर तेरा रूठना भी सताता है   वो जाड़े की सुबह में संस्कृत का ट्यूशन जाना तुम्हारे लिए मेरा इंतजार करना याद आता है   तुम्हारा मुझे देख कर मुस्कुराना याद आता है मेरा तुम्हे इसारे इशारे में प्यार बरसाना याद आता है   शब्द रूप ना याद होने पर   तेरे नाम पर ही शब्द रूप याद करना याद आता है     तेरे नाम पर शब्द रूप याद कर  तुम्हे  सताना याद आता है और तुम्हारा फिर मेरी ओर देख कर आंखों से प्यार दिखाना याद आता है   वो ट्यूशन की मस्ती में हम दोन

Meri Hansi Ka Raaz

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Meri Hansi Ka Razz इस हंसी का राज मै खोलता हूं आज तुझसे मिल कर आया हु ये मैं बोलता हूं खुशी का नही है ठिकाना मेरे ये ढिंढोरा हर ओर पीटता हूं इस हंसी का राज क्या है आज मैं खोलता हु   तेरी एक झलक देख कर ही इठलाता हूं तेरी एक मुस्कान पर ओ यारा मै हर बार मरता हु तुझसे बात करके जो एहसास हुआ आज मैं बोलता हु इस हंसी का क्या राज है आज मैं खोलता हु   आज तुझे देखते ही चेहरा मेरा खिल उठा पास में थी मेरी दीदी खड़ी मै उनसे ये बोल उठा वो देखिए वहा बैठी है मेरी जान उन्हें मै कहता हु इस हंसी का राज क्या है आज मैं खोलता हु   आज फिर तुझसे मुझे प्यार होगया ये मैं बोलता हु तेरे साथ ही जिंदगी बिताना मै चाहता हु छठी मैया से तेरी खुशियों का वरदान चाहता हु मेरी इस मुस्कान का एक तू ही राज है ये राज मैं आज छठ घाट पर खोलता हु।