Meri Hansi Ka Raaz
Meri Hansi Ka Razz
इस हंसी का राज मै खोलता हूं
आज तुझसे मिल कर आया हु ये मैं बोलता हूं
खुशी का नही है ठिकाना मेरे ये ढिंढोरा हर ओर पीटता हूं
इस हंसी का राज क्या है आज मैं खोलता हु
तेरी एक झलक देख कर ही इठलाता हूं
तेरी एक मुस्कान पर ओ यारा मै हर बार मरता हु
तुझसे बात करके जो एहसास हुआ आज मैं बोलता हु
इस हंसी का क्या राज है आज मैं खोलता हु
आज तुझे देखते ही चेहरा मेरा खिल उठा
पास में थी मेरी दीदी खड़ी मै उनसे ये बोल
उठा
वो देखिए वहा बैठी है मेरी जान उन्हें मै कहता हु
इस हंसी का राज क्या है आज मैं खोलता हु
आज फिर तुझसे मुझे प्यार होगया ये मैं बोलता हु
तेरे साथ ही जिंदगी बिताना मै चाहता हु
छठी मैया से तेरी खुशियों का वरदान चाहता हु
मेरी इस मुस्कान का एक तू ही राज है
ये राज मैं आज छठ घाट पर खोलता हु।
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