Sardiyo ki Kuch Yaade
सर्दियों की कुछ यादें
उन सर्दियों की बाते याद आती है
तो चेहरे पर एक मुस्कान छा जाती है
तेरा वो सुबह उठ कर कॉल करना
और मुझे उठाना याद आता है
उन हसीन पलों का तराना याद आता है
सुबह सुबह उठते ही मेरा ये कहना
कितना समय होगया
और तुम्हारा यूं हंस के कहना
अभी टाइम है जल्दी से रेडी हो जाओ
बहुत याद आता है
पढ़ने के लिए एक दूसरे को डाटना याद आता है
और मेरे ज़िद करने पर तेरा रूठना भी सताता है
वो जाड़े की सुबह में संस्कृत का ट्यूशन जाना
तुम्हारे लिए मेरा इंतजार करना याद आता है
तुम्हारा मुझे देख कर मुस्कुराना याद आता है
मेरा तुम्हे इसारे इशारे में प्यार बरसाना याद आता है
शब्द रूप ना याद होने पर
तेरे नाम पर ही शब्द रूप याद करना याद आता है
तेरे नाम पर शब्द रूप याद कर तुम्हे सताना याद आता है
और तुम्हारा फिर मेरी ओर देख कर आंखों से प्यार दिखाना याद आता है
वो ट्यूशन की मस्ती में हम दोनो का प्यार याद आता है
ट्यूशन खत्म होने पर भी हमारा देर तक बैठे रहना याद आता है
बैठे बैठे तेरी आंखों में खो जाना याद आता है
तुम्हारे रूठ जाने पर
तुम्हे मनाना याद आता है
सच कहूं तो मेरी जान
तेरा वो प्यार मुझे आज भी याद आता है
उन जाड़ों की मस्ती का तराना याद आता है
तेरे साथ बिताया हर लम्हा याद आता
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