तेरी आंखें

तेरी आंखें


 जब भी तेरी आंखों में देखता हूं
खो जाता हूं उनकी गहराइयों में मैं
आता है नजर मुझे सारा संसार तेरी इन सुरमई आंखो में
ऐसा क्या जादू करती है तेरी निगाहें
जो एक ही पल में मुझे घायल कर जाती है
जब भी देखता हूं तेरी आंखों में
खो जाता हूं तेरे खयालों में
मेरी आंखें सिर्फ तेरा ही दीदार करना चाहती है
पर तेरे ही खयालों में रोया करती है
तुम मेरे लिए क्या है यह मैं बता नहीं सकता
चाहता तो हूं दिलों जान से तुम्हें
मगर प्यार भरी बातें कर नहीं सकता
तेरे होठों की भी क्या कहने हैं
लगता है जैसे कमल की पंखुड़ियां है
इतनी खूबसूरत है तु इतनी खूबसूरत है तू
कि कलिया भी तुझसे शर्मा जाए
जब भी तुझे देखूं मैं सांस मेरी वहीं थम जाए
तेरे चेहरे का नूर मैं बयां करूं कैसे
जब भी देखता हूं तुझे खुद को समझाता हूं जैसे तैसे
हां जी प्यार करता हूं तुझसे दिलों जान से मैं
तभी तो कहता हूं तेरी आंखों में देखते ही खो जाता हूं मैं।

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