वो दोस्ती

वो दोस्ती


मेरा भी कोई बहुत खास था
जिस पर मुझे बहुत नाज़ था

जो भी बातें होती थी दिल में
उसे मैं सब कुछ बताया करता था

उसकी भी सुनता और अपनी भी सुनाया करता था
उससे मैं सब कुछ सांझा करता था

जो बात किसी से ने कहता
वो राज भी उसके सामने खोला करता था

सुबह उसके बातो से शुरू होती
मेरी रातें उसके शुभ रात्रि बोलने से होती थी

हम दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी
उसके गुस्से के सामने हार जाया करता था

पता नहीं किसकी नज़र लग गई इस दोस्ती को
 जुदा हो गए दोनो ,
जो कभी एक दूसरे में खुद को देखा करते थे 
नजरो से दूर हो गये हम दोनों

Comments

  1. Gjb....👌👌👌it happens to everyone because it's natural

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  2. bahut Sundar bahut badhiya,

    Kasme vade pyar Wafa sab baten Hain baton ka kya
    koi kisi ka nahin yah jhuthe naate Hain Na to ka kya

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्यार बेवफाई सिर्फ एक खेल हो गया
      जिसके पास आज पैसा है उसी से इस दुनिया वालो का मेल रह गया

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    2. Gjjbb....👌👌👌👌

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