आंसुओं और हंसी का सफर

आंसुओं और हंसी का सफर

कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा।

कभी सारे जहां को हंसाने का दिल करता है।।


कभी छुपा लेते है गम को दिल के किसी कोने में।

कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है।।


कभी कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी।

और कभी कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है।


कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना,लेकिन

कभी किसी के बाहो में सिमट जाने को दिल करता है।।


कभी कभी सोचते है नया हो कुछ जिंदगी में।

और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है।।

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