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स्कूल की दोस्ती

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स्कूल की दोस्ती सोचा कुछ तो लगा आज कागज़ पर उतार दूं, उनकी महोब्बत को जज्बातों से सजा दूं। या कहूं उन लम्हों के बारे में जहां मिलते ही खुशियां छा गई, जैसे बादलों ने अपनी छांव में, दोस्तों से मुलाक़ात करा दी। होने लगी बातें बीते जमाने की, स्कूल के दीवानों की मस्तानों की हंसी खेल में याद किया वो वक्त भी हमने,  जब बातें होती थी एक दूसरे को सताने की वह समय जब हम सब पहली बार मिले थे, स्कूल के दिन वो बड़े हसीन थे। ना थी किसी चीज की फिक्र,  बस हम सब हस्ते गाते रहते थे।। वो टिफिन के समय हम सब का इकट्ठा होना, टिफिन के समय तुम लोगो के क्लास में मेरा छुपा होना, एक दूसरे का टिफिन खाना सब याद आता है, आज मिले हम दोस्त तो एक यादों का झरोखा आता है। स्कूल के मैदान में हमारा एक साथ बैठना, मॉनिटर की न सुनना, और क्लास में धमाल करना। टीचर के सामने ऐसा दिखाना हम सबसे शरीफ है, पूरे क्लास में अपनी ही चलाना आज सब फिर याद आता है।। बस की अलग ही मस्ती हुआ करती थी, आने जाने वालो पर कभी कभी बिन मौसम बरसात हुआ करती थी। हमने भी लुफ्त खूब उठाई, त्योहार के दिनों की वो मस्ती याद आई। बस का यह खेल भी अजीब था, रंगों में लि

A student's plight

 A student's plight In classrooms of learning, a teacher's guide, A bond of trust, a sacred vow, they provide. But when a teacher exploits, with no reason true, A student's faith, their innocence, they abuse. Their power and authority, they misuse, A student's vulnerability, they refuse. Their actions, selfish, cruel, and cold, A student's heart, they leave untold. Their words, a weapon, they wield, A student's spirit, they can't conceal. Their actions, a game, they play, A student's future, they slay. Their exploitation, a sin, they hide, A student's voice, they can't abide. Their secrets, they keep, and lie, A student's dignity, they deny. Their motives, hidden, dark, and deep, A student's hope, they can't keep. Their actions, a betrayal, they make, A student's trust, they forsake. Written by: Abhay Kumar Dubey

मेरी माटी मेरा देश

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 मेरी माट्टी मेरा देश  प्राकृति की गोद में बसी, है यह विरासती  भारत की माट्टी, सौंदर्य की अभिव्यक्ति  इसकी माट्टी में है प्राचीनता की शक्ति  मेरी माट्टी मेरा देश और इसकी संस्कृति  मेरा देश मेरी माट्टी, गर्व से है हरी भरी  वीरों की धरती, माताओं की ममता सबकुछ है प्यारी प्यारी  छत्रपति शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई  इस माट्टी के लिए अपनी जान गवाई देश भक्ति की ये नगरी, भारत देश हमारा  रूप रंगों में बसा यह है अपना सहारा  होली, ईद, दिवाली की रौनक इस माट्टी की सुन्दरता लुभावानक  गंगा और यमुना की जहाँ पावन धारा हिमालय की चोटियाँ,  काश्मीर का मौसम न्यारा  हर देशवासी को लगता प्यारा  भगत, सुखदेव, बोस, आज़ाद, के बलिदान  इस माट्टी के आज़ादी के लिए दिए अपनी जान  सहिदों की इस माट्टी को  हम सबका कोटि कोटि प्रणाम  गाँधी, नेहरु, सुभाष चन्द्र बोस वीरपुरुषों ने दिया देश को जोश और पोज  मिट्टी से बनाया ये भारत देश न्यारा आरती करो इस माँ की दुबारा  जन गण मन की गीत इस माट्टी की पहचान  यह है हमारा प्यारा महान हिंदुस्तान  मेरी माट्टी मेरा देश  हमेशा रहे इसकी खुशियाँ और शान 

आंसुओं और हंसी का सफर

आंसुओं और हंसी का सफर कभी अपनी हंसी पर आता है गुस्सा। कभी सारे जहां को हंसाने का दिल करता है।। कभी छुपा लेते है गम को दिल के किसी कोने में। कभी किसी को सब कुछ सुनाने का दिल करता है।। कभी कभी रोते नही लाख दुःख आने पर भी। और कभी कभी यूँ ही आंसू बहाने को दिल करता है। कभी अच्छा सा लगता है आज़ाद घूमना,लेकिन कभी किसी के बाहो में सिमट जाने को दिल करता है।। कभी कभी सोचते है नया हो कुछ जिंदगी में। और कभी बस ऐसे ही जिये जाने को दिल करता है।।

सुहाना सफ़र

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 सुहाना सफ़र  आज सफ़र पर निकला हूँ मै फिर उन्ही राहों से  जहाँ मिले थे दो दिल  साथ निभाने के वादे से  पवन का एक  झोका  ऐसा आया  संघ तेरी यादों की सौगाते लाया   मन मचल उठा उन झोकों से  न जाने दिल में ये कैसी आकुलता ढाया तेरी यादों का शहर भी  बड़ा अजीब सा है  तेरे छोटी छोटी शरारते  याद आते ही मन प्रफुलित हो उठता है  बस की वो सीट जहा अक्सर  हम दोनों बैठा करते थे  डाल हाथो में हाथ  प्यार के गीत गुनगुनाया करते थे  वो सारे लम्हे बड़े हसींन है  तेरे ना होते हुए भी  आज भी मेरे दिल में सिर्फ  तेरी ही तस्वीर रंगीन है यह मौसम का जादू भी  आज अजीब छाया है  ना जाने कुछ दिनों से क्यों  मेरे दिल में तेरी यादो का साया है आज फिर यादों की बरसात है आई  बादलों ने भी ली अंगड़ाई  इस मौसम को भी  न  रहा  गया  रिमझिम बारिश में भी तू ही याद आई  इस सफ़र में एक अलग ही एहसास है हर पल तेरे यादों का घरौंदा साथ है  चेहरे पर मुस्कान, दिल में यादें और होठो पर सिर्फ एक ही नाम है  जब बस गुज़री शक्तिपीठ के धाम से  तू सदा खिलखिलाती रहे ये इस मंगलकामना के लिए माँ ताराचंडी के  चरणों में पैगाम है आज का यह सुहाना सफ़र  सिर्फ तेरी यादों

मर्यादा

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 मर्यादा भारत के मर्यादा पर कैसा ये प्रश्नचिन्ह लगा दिया मोहब्बत के लिए लड़की को जिंदा जला दिया। इतिहास गवाह है कि मोहब्बत के लिए हमने स्वर्ग भी ठुकरा दिया, लेकिन किसी स्त्री के सम्मान पे हाथ डाला तो उसकी भुजा भी उखाड़ दिया । इक्षा के विरूद्ध किसी ने स्त्री के आंचल पे हाथ डाला, तो हमने उसी के घर में घुस कर उसकी साम्राज्य नष्ट कर डाला और आज पूरा भारतवर्ष के मर्दांगनि पे सवाल उठा है, सज्जन का मौन आज देश के लिए हानिकारक बना है। मत भूलो भीष्म पितामह का कुलवधु के चीरहरण में मौन धारण करना , जो युद्ध भूमि में उनके लिए बाण शैया का कारण बना। आज उस झारखण्ड की बेटी के लिए न्याय मांगता हूं, उस शैतान के लिए मौत मांगता हूं। कोई और सजा स्वीकार ना होगी, उसके लिए सिर्फ मृत्यु दण्ड ही मान्य होगी। To be hanged till death, period - Written by Shubham Shandilya

ककोलत का सफर

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  एक कविता २०२० बैच के मस्ती और धमाल के ऊपर ककोलत का सफर चल रही थी बातें हो रहा था मौज इतने में ककोलत घूमने चल पड़ी डीटी की फौज हॉस्टल से निकलते ही  शुरू हुई जो मस्ती पहुंच गए सब फुलवारी शरीफ पकड़ के ऑटो सस्ती पैसेंजर ट्रेन पकड़ हमसब पहुंच गए पटना जंक्शन सरकार के संरक्षण में हुवा बहुतों का निरीक्षण बुद्धपूर्णिमा का वो सफर जिसमे शिव जी ने गिराया कितनो पर कहर मौज मस्ती करते हुए गया जंक्शन पहुंचे हम अगले पहर थोड़ा थकान भरा सफर रहा और पहुंचे हम नवादा ककोलत पहुंचने में सभी थक कर होगए आधा आधा जलप्रपात में हुई जो मस्ती एन्जॉय और ऐस की थी वो बस्ती सभी का चेहरा खिला हुआ था मन प्रफुल्लित हो उठा था अब निकल चले हम राजभवन की ओर हस्ते गाते करते शोर डीटी की फौज चली डीटी की ओर -अभय दुबे